कोरोना चालीसा
रहिमन वैक्सीन ढूंढिए, बिन वैक्सीन सब सून।
वैक्सीन बिना ही बीत गए, अप्रैल मई और जून ।।
जुलाई , अगस्त भी गुजर गए,रहिमन न हो उदास ।
दूर दूर ही रहिये , अभी न आइये पास ।।
सितम्बर भी गयो, अब क्वार-कातिक हैं भारी,
लगाए रहियो मास्क ,न काहू से बैर।।
रहिमन वैक्सीन ढूंढ लिया, धीरज धरो तनिक तुम।
टरायल फायनल चल रहा,वैक्सीन कमिंग सून ।।
जय हिंन्द।
सतपाल ठाकुर
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